Taraweeh ki dua with Hindi, English, and Urdu Translations & Best Images

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Taraweeh ki Dua with English, Hindi, and Urdu translations will deepen your spiritual experience during the holy month of Ramadan.”

तराावीह रमज़ान के मुक़द्दस महीने में इशा के बाद पढ़ी जाने वाली एक खास नमाज़ है। यह वह समय है जब मुसलमान अल्लाह के करीब जाने की कोशिश करते हैं, उसकी माफी, रहमत और बरकत मांगते हैं। तरावीह का एक महत्वपूर्ण हिस्सा दुआ है, जिसमें हम अपने दिल की बातें अल्लाह के सामने रखते हैं और उससे हिदायत, सुरक्षा और बरकत मांगते हैं।

इस खूबसूरत दुआ को और भी अधिक अर्थपूर्ण बनाने के लिए हमने तराावीह की दुआ के साथ अंग्रेज़ी, हिंदी और उर्दू अनुवाद (तर्जुमा ) प्रदान किए हैं। ताकि हर कोई जो इन भाषाओं में बात करता है, वह इस दुआ के शब्दों को अच्छे से समझ सके और अपनी नमाज़ में दिल से जुड़ सके। चाहे आप अंग्रेज़ी, हिंदी या उर्दू बोलते हों, ये अनुवाद आपको दुआ के शब्दों का सही मतलब समझने में मदद देंगे और इस पवित्र महीने में अल्लाह के करीब ले जाएंगे।

दुआ के साथ शामिल की गई तस्वीरें आपकी नमाज़ के दौरान शांति और सुकून का अहसास दिलाने के लिए बनाई गई हैं। जब आप नमाज़ में खड़े होते हैं, तो आप इस दुआ के शब्दों पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं, अल्लाह से अपनी माफी, सुरक्षा और दुनिया-आख़िरत में बरकत मांग सकते हैं।

रमज़ान का महीना आत्मा की सफाई, अल्लाह के करीब जाने और उसकी इबादत करने का समय है। तरावीह की दुआ हमें अल्लाह का शुक्रिया अदा करने और उसकी अनगिनत रहमतों की मांग करने का अवसर देती है। अल्लाह हमारी दुआओं को क़ुबूल फरमाए, हमारे गुनाह माफ़ करे और इस पाक महीने में अपनी रहमत से हमें भर दे।

हम उम्मीद करते हैं कि ये अनुवाद (तर्जुमा ) और तस्वीरें आपको तरावीह की दुआ के साथ और अधिक जुड़ने में मदद करेंगी और आपके धार्मिक अनुभव को बेहतर बनाएंगी।

Taraweeh ki Dua

Taraweeh ki Dua

 

Taraweeh ki Dua in Arabic

سُبْحَانَ ذِی الْمُلْکِ وَالْمَلَکُوْتِ
سُبْحَانَ ذِی الْعِزَّةِ وَالْعَظَمَةِ وَالْهَيْبَةِ وَالْقُدْرَةِ وَالْكِبْرِيَآئِ وَالْجَبَرُوْتِ
سُبْحَانَ الْمَلِکِ الْحَيِ الَّذِی لَا يَنَامُ وَلَا يَمُوْتُ
سُبُّوحٌ قُدُّوْسٌ رَبُّنَا وَرَبُّ الْمَلَائِکَةِ وَالرُّوْحِ
اَللّٰهُمَّ اَجِرْنَا مِنَ النَّارِ يَا مُجِيْرُ يَا مُجِيْرُ يَا مُجِيْرُ بِرَحْمَتِكَ يَا أَرْحَمَ الرَّاحِمِينَ

Taraweeh ki Dua in Arabic

Taraweeh ki Dua in Hindi

सुब्हाना ज़िल मुल्कि वल मलाकूत. सुब्हाना ज़िल इज़्ज़ती वल अज़मति वल हैबति वल कुदरति वल किबरियाए वल जबारूत. सुब्हानल मलिकिल हय्यिल लज़ि ला यनामु वला यमूतू. सुब्बुहून कुद्दूसुन रब्बुना व रब्बुल मलाएकति वररूहु. अल्लाहुम्मा अजिरना मिनन्नारि. या मुजिरू या मुजिरू या मुजिरू बि रहमतिका या अर हमर राहीमीन

Taraweeh ki Dua in Hindi

 

Taraweeh ki Dua translation in Hindi

“सुब्हान अल्लाह, जो मुल्क और मलकूत का मालिक है।
सुब्हान अल्लाह, जो इज़्ज़त, आलम, हयबत, क़ुदरत, कब्रियत और जबरूत का मालिक है।
सुब्हान अल्लाह, जो ज़िंदा है, जो न सोता है, न मरता है।
सुब्बूह, कुद्दूस, हमारा रब और मलाइका और रूह का रब है।
हे अल्लाह! हमें आग से बचा, ऐ बचाने वाले! ऐ बचाने वाले! ऐ बचाने वाले! अपनी रहमत से, ऐ सबसे दयालु (अरहमुर रहमीं)!”

Taraweeh ki Dua translation in Hindi

 

Taraweeh ki Dua  Translation in English

“Glory be to Allah, the Lord of the Kingdom and Dominion.
Glory be to Allah, the Owner of Majesty, Greatness, Awe, Power, Grandeur, and Sovereignty.
Glory be to the King, the Living One who neither sleeps nor dies.
The Most Glorious, the Most Sacred, our Lord and the Lord of the Angels and the Spirit.
O Allah! Protect us from the Fire. O Protector! O Protector! O Protector! By Your mercy, O Most Merciful of those who show mercy.”

Taraweeh ki Dua  Translation in English

 

Taraweeh ki Dua Translation in Urdu

“سبحان اللہ، جو ملک اور ملکوت کا مالک ہے۔
سبحان اللہ، جو عزت، عظمت، ہیبت، قدرت، کبریا اور جبروت کا مالک ہے۔
سبحان اللہ، جو زندہ ہے، جو نہ سوتا ہے نہ مرتا ہے۔
سبوح، قدوس، ہمارا رب اور ملائکہ اور روح کا رب ہے۔
اے اللہ! ہمیں آگ سے بچا، اے بچانے والے! اے بچانے والے! اے بچانے والے! اپنی رحمت سے، اے سب سے زیادہ رحم کرنے والے!”

Taraweeh ki Dua Translation in Urdu

 

 

Istikhara Dua with Translation and Beautiful Images

 

तरावीह की दुआ कब और कैसे पढ़ें?

तरावीह की दुआ एक विशेष दुआ है जो तरावीह नमाज के दौरान पढ़ी जाती है, जो रमजान के महीने में इशा नमाज के बाद पढ़ी जाती है। आइए जानते हैं कि तरावीह की दुआ कब और कैसे पढ़नी चाहिए।

कब पढ़ें (When to Recite):
तरावीहकी दुआ आमतौर पर तरावीह नमाज के अखिरी रकअत (प्रार्थना की इकाई) के बाद पढ़ी जाती है। आप इसे नमाज खत्म करने के बाद भी पढ़ सकते हैं।
आप इसे तरावीह नमाज के दौरान किसी भी वक्त, ख़ासकर अखिरी 10 रातों में भी पढ़ सकते हैं, क्योंकि ये रातें विशेष रूप से बरकत और रहमत की रातें मानी जाती हैं।
यह दुआ रात के समय किसी भी वक़्त पढ़ी जा सकती है, लेकिन रमजान के अखिरी 10 दिनों में इस दुआ को पढ़ना ज़्यादा फज़ीलत रखता है।

कैसे पढ़ें (How to Recite):
इच्छा (निय्यत) बनाएं: किसी भी दुआ को पढ़ने से पहले, आपके दिल में सच्ची नीयत होनी चाहिए कि आप अल्लाह से माफी और रहमत मांग रहे हैं।

तरावीह के बाद दुआ पढ़ें:

आप दुआ सिजदा (सिज्दा) में कर सकते हैं या फिर नमाज के ख़त्म होने के बाद बैठकर भी इसे पढ़ सकते हैं।

ध्यान और विनम्रता:

दुआ पढ़ते वक्त, दिल और दिमाग पूरी तरह अल्लाह की याद में डूबा हुआ होना चाहिए। आप हाथ उठाकर भी दुआ कर सकते हैं, क्योंकि यह एक आम तरीका है दुआ मांगने का।

समझ के साथ दुआ पढ़ें:

दुआ को समझ कर पढ़ना बेहतर है, ताकि आप जान सकें कि इसमें आप अल्लाह से क्या मांग रहे हैं — जैसे दोज़ख से बचाने, रहमत और माफी की दुआ करना, और अल्लाह की उच्चता और क़ुदरत को स्वीकार करना।

तरावीह की दुआ का उदाहरण:
अरबी में: “सुब्हाना ज़िल मुल्कि वल मलाकूत. सुब्हाना ज़िल इज़्ज़ती वल अज़मति वल हैबति वल कुदरति वल किबरियाए वल जबारूत. सुब्हानल मलिकिल हय्यिल लज़ि ला यनामु वला यमूतू. सुब्बुहून कुद्दूसुन रब्बुना व रब्बुल मलाएकति वररूहु. अल्लाहुम्मा अजिरना मिनन्नारि. या मुजिरू या मुजिरू या मुजिरू बि रहमतिका या अर हमर राहीमीन”

हिंदी में अनुवाद: “सुब्हान अल्लाह, जो मुल्क और मलकूत का मालिक है।
सुब्हान अल्लाह, जो इज्ज़त, आलम, हयबत, क़ुदरत, कब्रियत और जबरूत का मालिक है।
सुब्हान अल्लाह, जो ज़िंदा है, जो न सोता है, न मरता है।
सुबहूह, कुद्दूस, हमारा रब और मलाइका और रूह का रब है।
हे अल्लाह! हमें आग से बचा, ऐ बचाने वाले! ऐ बचाने वाले! ऐ बचाने वाले! अपनी रहमत से, ऐ सबसे दयालु!”

तरावीह की दुआ पढ़ने के लाभ:
अल्लाह की सुरक्षा: इस दुआ के जरिए हम अल्लाह से दोज़ख से बचाने की दुआ करते हैं और अपनी पापों की माफी मांगते हैं।
अल्लाह की महिमा का गुणगान: इस दुआ के माध्यम से हम अल्लाह की ताकत और ऊंचाई का गुणगान करते हैं।
रमजान की बरकतें: रमजान के महीने में, खासकर अखिरी 10 रातों में यह दुआ पढ़ना विशेष रूप से फायदेमंद है क्योंकि ये रातें रहमत और माफी की रातें होती हैं।

अतिरिक्त सुझाव:
नियमित रूप से पढ़ें: अगर आप पूरी दुआ याद नहीं कर पा रहे हैं, तो भी इसे हर दिन पढ़ना बहुत अच्छा रहेगा।
विनम्रता के साथ प्रार्थना करें: दुआ करते वक्त आपका दिल अल्लाह के सामने विनम्र होना चाहिए। इमान और उम्मीद के साथ दुआ करें।
इंशा’अल्लाह (अल्लाह की मर्जी से), अल्लाह आपकी दुआएं कबूल करेगा और रमजान के इस पाक महीने में आपकी सारी दुआओं को स्वीकार करेगा।

Taraweeh ki Dua Islamic Source:

This Taraweeh ki Dua contains phrases from both the Qur’an and Hadith, emphasizing the glorification of Allah and seeking protection from Hellfire.

  1. “سُبْحَانَ ذِی الْمُلْکِ وَالْمَلَکُوْتِ” — (Glory be to the One who possesses the Kingdom and the Dominion). This part is a form of praise for Allah’s control over the entire universe.
  2. “سُبْحَانَ ذِی الْعِزَّةِ وَالْعَظَمَةِ” — (Glory be to the One who owns Majesty and Greatness). This refers to Allah’s supreme authority.
  3. “سُبْحَانَ الْمَلِکِ الْحَيِ الَّذِی لَا يَنَامُ وَلَا يَمُوْتُ” — (Glory be to the Living King who neither sleeps nor dies). This is a reference to the eternal, living nature of Allah, which is often mentioned in the Qur’an (Surah Al-Furqan 25:58).
  4. “سُبُّوحٌ قُدُّوسٌ” — (The Most Glorious, the Most Sacred). This phrase is used to praise Allah’s purity and perfection (Surah Al-Hashr 59:23).
  5. “اللهم أجرنا من النار” — (O Allah, protect us from the Fire). This is a well-known supplication found in many Hadiths and is often recited in the daily prayers and during Ramadan (Sahih Muslim, Hadith 1020).

This dua is part of the broader tradition of seeking Allah’s mercy, asking for protection from Hellfire, and glorifying Him during the blessed month of Ramadan and beyond.

Note: 

अगर आपको किसी दुआ या तर्जुमें में कोई गलती दिखाई दे तो बराये महेरबानी हमें तुरंत बताएं, इंशा अल्लाह उस गलती को फ़ौरन दुरुस्त कर दिया जायेगा, अल्लाह हमारी गलतियों को मुआफ करें, आमीन.

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